डीआईपीआर सिस्टम शुरू करने की योजना पर काम लिए प्रस्ताव शीघ्रता से भिजवाने के भी जयपुर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शुरू हो गया है। कचरा निस्तारण के लिए निर्देश दिए।अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने कहा कि सर्दी में भी उन्होंने कोई कार्ययोजना बनाने के रोहित कुमार सिंह ने प्रदेश के अभी मौसमी बीमारियों मसलन स्वाइन फ्लू व निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों की आरएमआरसी में पर्याप्त अन्य घातक बीमारियों से किसी भी अस्पतालों में सेंट्रल सिक्योरिटी सिस्टम राशि उपलब्ध है। उन्होंने अस्पतालों में व्यक्ति की जान नहीं जाए और को भी मजबूत करने के लिए सभी आवश्यक कार्य तथा उपकरणों की आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं अस्पतालों से डिमांड के अनुसार सेना के मरम्मत का कार्य आरएमआरसी में मिले इसके लिए एडवांस मैनेजमेंट रिटायर्ड कर्मियों को लगाया जाएगा। उपलब्ध राशि से पूर्ण कराने के निर्देश सिस्टम को मजबत बनाया जाएगा। डॉ. उन्होंने प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों दिए। उन्होंने एसएनसीय के लिये शर्मा मंगलवार को एमएमएस मेडिकल में उपलब्ध समस्त उपकरणों का प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफको एसएनसीय कॉलेज सभागार में प्रदेश भर से आए क्रियाशील होना सुनिश्चित करने के में ही रखने के निर्देश दिए। चिकित्सा मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, अधीक्षक, निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि शिक्षा सचिव श्री वैभव गेलारिया ने संयक्त निदेशक, पीएमओ तथा संबंधित उपकरणों के लिए वितीय संसाधनों की बताया कि मेडिकल कॉलेज से जडे अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर कोई कमी नही है। उन्होंने सघन अस्पतालों के उपकरणों के रखरखाव रहे थे। उन्होंने चिकित्सा संस्थानों की अभियान संचालित कर मरम्मत योग्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। समस्त कमियों को चिन्हित कर दढ उपकरणों के रखरखाव सहित उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पतालो में इच्छाशक्ति के साथ उपचार व्यवस्थाओँ अस्पतालों की समस्त व्यवस्थाओ को ट्रीटमेंट पैरामीटर्स की अनपालना होता कामाला सुधारने के निर्देश दिए।चिकित्सा मंत्री सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस उन्होंने स्वाइन फ्लू सहित मौसमी - सन और ने अस्पतालों की मेडिकल रिलीफ अवसर पर भारत सरकार से आई बीमारियों के रोकशाम की तैयारियों की सोसाइटी की नियमित बैठके अतिरिक्त निदेशक डॉ. संध्या काबरा ने विस्तार से समीक्षा की तथा अभी से ही आयोजित करने पर जोर दिया। सही आयोजित करने पर जोर दिया। भी लेब भी लैबोरेटरीज को मजबूत करने और जांच व उपचार की समुचित व्यवस्था उन्होंने कहा कि इन बैठकों में उनमें सुधार के लिए पावर पॉइंट रखने के निर्देश दिए। चिकित्सा एवं ज जनप्रतिनिधियों सहित सभी सदस्यों प्रजेंटेशन के जरिए प्रस्तुतिकरण स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रशासनिक को आमंत्रित कर अस्पतालों की दिया ।बैठक में एनएचएम के निदेशक नजरिए से मातृ-शिशु स्वास्थ्य और व्यवस्थाओं की समीक्षा कर उन्हें श्री नरेश ठकरालए आएमएससीएल अस्पताल प्रशासन विंग को अलग बेहतर बनाने की कार्यवाही की जाए। के प्रबंध निदेशक श्री सरेश गुप्ता करके दोनों की मॉनिटरिंग का काम उन्होंने एसएनसीयू के रखरखाव के निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. केके शर्मा, लिए उपलब्ध 5 लाख रुपये की राशि निदेशक आरसीएच श्री आरएस छीपी, करने का निर्णय लिया गया है। का उपयोग करने तथा आवश्यकता अतिरिक्त निदेशक डॉ. विप्रकाश शर्मा आईसीयू के नीकू और पीकू वार्ड को पड़ने पर अतिरिक्त राशि की मांग के सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। मजबूत करने के सुझावों चर्चा की गई। यही नहीं जिला स्तर अधिकारी जिलों नींदड आवासीय योजना से प्रभावित काश्तकारों के स्वास्थ्य केंद्रों का फिजिकल को जल्द आवंटित किए जाएंगे आरक्षण पत्र इंस्पेक्शन कर नियमित रूप से रिपोर्ट करने का एक सिस्टम विकसित डीआईपीआर किया करेंगे ताकि किसी भी उपकरण जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा नींदड़ आवासीय योजना से के खराब मांग होने पर या अन्य ऐसी प्रभावित काश्तकारों से आपसी समझाईश कर समर्पित भूमि के आरक्षण पत्र शीघ्र समस्या का तरंत और समय पर जारी किए जाएंगे।जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन उपायुक्त 12 श्री मनीष फ निदान हो सके। उन्होंने कहा कि मख्य जिदार ने बताया कि नींदड आवासीय योजना से प्रभावित काश्तकार जिनके द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से भूमि समर्पित की जा चुकी है उनको जल्द ही आरक्षण पत्र जारी किये जाएंगे तथा लेकर संयक्त निदेशक स्तर के ऐसे काश्तकार जिन्होनें भूमि समर्पित नहीं की है उन्हें सहमति के आधार पर अधिकारी संपर्ण जिले में लगातार दौरा समर्पण करवाकर आरक्षण पत्र जारी किये जाएंगे। प्रस्तावित नींदड आवासीय करेंगे और किसी भी परेशानी को उच्च योजना जो कि 327 हैक्टेयर में प्रस्तावित है। इसकी अवाप्ति 04 जनवरी 2010 स्तर तक तुरंत पहुंचाएंगे। को लगभग 10 वर्ष पूर्व की गयी थी। इस योजना का अवार्ड 31 मई 2013 को डॉ. शर्मा ने कहा कि स्वाइन फ्ल किया गया था। योजना हेतु 286.27 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की गयी हैए तथा शेष की तैयारी के 15 लाख टेमीफ्ल की 41.45 हैक्टेयर भूमि जविप्रा की स्वंय की भूमि है। खातेदारों द्वारा जविप्रा के पक्ष दवाएं खरीद ली गई हैं और उन्हें उप में 122 हैक्टेयर भूमि समर्पित की जा चुकी हैए तथा 41.27 हैक्टेयर भूमि का स्वास्थ्य केंद्र तक पहंचा दी गई हैं। नकद मुआवजा सिविल कोर्ट में जमा कराया जा चुका हैउल्लेखनीय है की वर्ष स्क्रीनिंग से लेकर जांच व अन्य प्रकार 2017 में कुछ किसानों द्वारा भूमि अवाप्ति को निरस्त करने की मांग करते हुए की गाइडलाइन भी जारी कर दी है। आन्दोलन शुरू किया गया तथा अवाप्ति को निरस्त करने के लिए उच्च न्यायालय उन्होंने बताया कि राज्य के सभी बड़े में रिट दायर की गयी थी जो निर्णय क्रमश: 04 जनवरी 2017 व 28 नवम्बर अस्पतालों में सेंट्रलाइज ऑक्सीजन 2017 को खारिज कर अवाप्ति को सही माना गया।
आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें मिले इसके लिए एडवांस मैनेजेंट सिस्टम के मजबूत बनाया जाएगा- चिकित्सा मंत्री